समानता class 7 ncert


                 समानता



   सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार समानता के विचार पर आधारित हैं।

   सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार - जब राज्य के समस्त वयस्क नागरिकों को जाति, धर्म सम्प्रदाय, वर्ग, वंश, शिक्षा संपत्ति या लिंग आदि के भेदभाव के बिना उनकी वयस्कता के आधार पर मताधिकार प्राप्त हो तो उसे ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार’ कहते है।

वयस्क होने का अर्थ है एक निर्धारित आयु पूरी कर लेना।

सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार अनुच्छेद 326 में वर्णित है

भारत में 1950 में सार्वभौम मताधिकार की उम्र 21 थी, लेकिन 1989 में यह घटकर 18 वर्ष रह गयी।




ओमप्रकाश वाल्मीकि एक प्रसिद्ध दलित लेखक हैं। अपनी आत्मकथा जूठन में उन्होंने अपने साथ घटित भेदभाव को वर्णित किया है

भारतीय संविधान में सभी व्यक्तियों को  समानता का अधिकार प्रदान किया गया है

मध्याह्न भोजन योजना की व्यवस्था  सर्वप्रथम तमिलनाडु राज्य में  प्रारंभ की गई थी ।
 मध्याह्न भोजन  योजना 15 अगस्त, 1995 को आरंभ की गई थी

इस स्कीम का  लक्ष्य भारत में अधिकांश बच्चों की दो मुख्य समस्याओं अर्थात्‌ भूख और शिक्षा का समाधान करना है :-


वर्ष 2001 में उच्चतम न्यायलय ने सभी राज्य सरकारों को इसे अपने स्कूलों में छह माह के अंदर आरंभ करने के निर्देश प्रदान किया था

रोजा पास एक अफ्रीकी अमेरिकन महिला थी। 1 1955 को दिन भर काम करके थक जाने के बाद बस में उन्होंने अपनी सीट एक गोरे व्यक्ति को देने से मना कर दिया। उस दिन उनके इंकार से अफ्रीकी अमरीकनों के साथ असमानता को लेकर एक विशाल आंदोलन प्रारंभ हो गया जो नागरिक अधिकार आंदोलन "सिविल राइट्स मूवमेंट' कहलाया


अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन (1955-1968) को संयुक्त राज्य के उस आंदोलन के लिए सन्दर्भित किया जाता है, जिसका उद्देश्य अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव को गैर-कानूनी घोषित करना और दक्षिणी देशों में मतदान अधिकार को पुनः स्थापित करना था।. 1966 तक, अश्वेत शक्ति आंदोलन का उद्भव हुआ, जो कि मोटे तौर पर 1966 से 1975 तक चला, इसमें नागरिक अधिकार आंदोलन के उद्देश्यों को बृहत बनाया गया और नस्लीय गौरव, आर्थिक और राजनीतिक आत्मनिर्भरता और गोरे अमरीकियों द्वारा उत्पीड़न से मुक्ति को शामिल किया गया।

1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम अमेरिका में नस्ल धर्म और राष्ट्रीय मूल के आधार पर भेदभाव को निषेध कर दिया।

अमेरिका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शपथ लेकर अमेरिका में एक नवीन युग का सूत्र पात किया।



भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 में धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध  करता है l

मूल अधिकारों को सर्वप्रथम संयुक्त राज्य अमेरिका  द्वारा मान्यता दिया गया था l

समानता और स्वतंत्रता के साथ शोषण के विरुद्ध धार्मिक एवं संस्कृति और शिक्षा का अधिकार संविधान ने दिया है l


भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित मूल अधिकार प्राप्त हैं:
1. समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18) (समानता)
2. 
स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22) (स्वतंत्रता)
3. 
शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24) (शोषण के विरुद्ध)
4.
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28) (धार्मिक)
5.
संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30)  (संस्कृति और शिक्षा का अधिकार)
6.
संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 32) ( संविधान ने दिया है)
 संपत्ति के मौलिक अधिकार को 44 वें संशोधन द्वारा संशोधन द्वारा समाप्त कर दिया गया  (1978)

भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था।

समान अवसर देने, उनके अधिकारों के संरक्षण और सहभागिता के लिये, जो व्यक्ति 40 फीसदी या उससे अधिक विकलांग है, उसे चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित किया जायेगा। इसमें दृष्टि हीनता, दृष्टिबाध्यता, श्रवण क्षमता में कमी, गति विषयन बाध्यता शामिल है।

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