खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर NCERT CLASS-6
खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर
उपमहाद्वीप
में लोहे का प्रयोग लगभग 3000 साल पहले शुरू हुआ।
करीब 2500 वर्ष पहले लोहे के औजारों का उपयोग
बढ़ने लगा था ऐसे प्रमाण प्राप्त होते हैं।
तमिल
क्षेत्र में बड़े भूस्वामियों को वेल्लला, साधारण हलवाहों को उणवार और भूमि हीन मजदूरों
को 'दास कडैसियार'या 'अदिमई' कहा जाता था |
देश के उत्तरी हिस्से में गांव का प्रधान व्यक्ति ग्राम भोजक कहलाता था। भोजक का पद
आनुवांशिक था,
ग्राम
भोजक के पद पर आमतौर पर गाँव का सबसे बड़ा भू स्वामी होता था
प्रभावशाली
होने के कारण प्रायः राजा भी कर वसूलने का काम इन्हें ही सौंप देते थे। ये न्यायाधीश
का और कभी कभी पुलिस का काम भी करते थे।
ग्राम
भोजकों के अलावा अन्य स्वतंत्र कृषक भी होते थे जिन्हें गृहपति कहते थे। इनमें
ज्यादातर छोटे किसान ही होते थे।
जिनके पास
जमीन नहीं होती थे, उन्हें
दूसरों की जमीन पर काम करके अपनी जीविका चलानी पड़ती थी।
तमिल की
प्राचीनतम रचनाओं को संगम
साहित्य कहते हैं। इनकी रचना करीब 3000 साल पहले की गई। इन्हें संगम इसलिए कहा
है। जाता क्योंकि मदुरै कवि के सम्मेलनों में इनका संकलन किया जाता था
वलयकूप का
प्रयोग प्रायः हर घरों में किया जाता था। ये वलयकूप गुसलखाने, नाली या कूड़ेदान के लिए प्रयुक्त होते
थे।
बेरिगाजा
की संकरी खाड़ी में समुद्र से आने वालों के लिए नाव चला पाना बहुत मुश्किल होता था।
भरूच शहर, जहां नर्मदा समुद्र से
मिलती है, गुजरात के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक है। यह शहर प्राचीन समय में भी एक
मुख्य व्यापार केंद्र था। ग्रीक इसे बेरिगाजा के नाम से जानते थे और नर्मदा को
नमाडस बुलाते थे। ग्रीक, रोमन, चीनी, मलय और अफ्रीकी व्यापारी यहां से
व्यापार करते थे।
बेरिगाजा
में जड़ी बूटियों, हाथी दांत, गोमेद सूती कपड़ा रेशम तथा इत्र यहां
से निर्यात होता था।
: हिमालय से
जड़ी शराब, तांबा, टिन सीसा मूंगा, पुखराज, कपडा सोने और चांदी के। सिक्कों का
आयात होता था।
विनिमय पद्धति (Barter System) की खामियों के कारण देश में एक लेन-देन
की एक नयी पद्धति का प्रारंभ हुआ जो थी सिक्कों का निर्माण व प्रचलन. भारत
देश में सबसे पहले सिक्के जो सिक्के बनाये गए वे पंच (आहत या चोट) पद्धति से बनाये
गए ये सिक्के लगभग ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी से लेकर ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी (तक
प्रचलन में रहे. इस पद्धति में सबसे पहले चाँदी के सिक्के बनाये गए थे.
सिक्के :- सबसे पुराने सिक्के आहत सिक्के थे, चाँदी या सोने के सिक्कों पर आकृतियों
को आहत कर बनाए जाने के कारण इन्हें "आहत सिक्के " कहा गया
मथुरा 2000 साल
पहले कुषाणों की दूसरी राजधानी बनी, पहले
पुरूषपुर (पेशावर) थी, मथुरा
धार्मिक केन्द्र था (कृष्ण भक्ति), बौद्ध
विहार और जैन मन्दिर का केन्द्र भी था | यह कृष्ण भक्ति का एक महत्वपूर्ण
केंद्र था।
उत्तर में
वाराणसी और दक्षिण में मदुरै कपड़ों के उत्पादन के बहुत महत्वपूर्ण केंद्र थे।
अनेक
शिल्पकार तथा व्यापारी अपने अपने संघ बनाने लगे , जिन्हें श्रेणी कहा जाता था।
सूत कातने
और बुनने के नियम का उल्लेख अर्थशास्त्र के अध्याय 8 में प्राप्त होता है
लगभग 2200 से 1900 साल पहले अरिकामेडु एक पत्तन जहाँ दूर दूर
से आए जहाजों से सामान उतारे जाते थे। यहाँ ईंटों से बना एक ढांचा प्राप्त हुआ है जो संभवतः
गोदाम रहा होगा।
अरिकमेडु एक ऐतिहासिक स्थल है। यह पुरा-स्थल पांडिचेरी से 3 कि.मी. दक्षिण में उष्णकटिबन्धीय तट पर स्थित है।
पेरिप्लस में इसे पेडोक कहा गया है। अरिकमेडु के कुछ स्थानों पर 1945 ई. में भारतीय
पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग ने उत्खनन किया।
अरिकामेडु
पत्तन में रोमन लैंप शीशे के बर्तन तथा रत्न भी प्राप्त हुए हैं।
यहाँ भूमध्य
सागरीय क्षेत्र के एंफोरा जैसे पात्र मिले है। इसमें शराब या तेल जैसे तरल पदार्थ
रखे जा सकते थे।
यही पर
एरेटाइन जैसे मुहर लगे लाल चमकदार बर्तन भी मिले हैं। इन्हें इटली के एक शहर के नाम
पर एटाइन’ पात्र के नाम से जाना जाता है।
मिट्टी के
बर्तन पर ब्राह्मी लिपी में अभिलेख मिले हैं। प्रारंभ में तमिल भाषा के लिए का इसी
लिपि प्रयोग किया जाता था। इसीलिए इन्हें तमिल ब्राह्मी अभिलेख भी कहा जाता है।
एक्वाडक्ट यूरोप के सबसे पुराने शहरों में से एक था।
इसका विकास तभी हुआ जब गंगा के मैदान में शहर बस रहे थे। रोम एक बहुत बड़े
साम्राज्य की राजधानी था।
रोम के बारे में बात करना
बड़ा रोचक होता है क्योंकि यह उस दौर की सभ्यता और शहर था जब civilization के लिए यह बहुत ही शुरूआती समय था | रोमन लोगो
का कहना है कि रोम की स्थापना 783 BCE में हुई थी जबकि आधुनिक इतिहासकारों का मानना है
कि यह समय 625 BCE का था जब रोम की
स्थापना हुई
पहले रोम पर राजाओं का शासन हुआ करता था लेकिन यह
केवल सात राजाओं तक ही रहा उसके बाद खुद रोमन लोगो ने अपने ही शहर पर कब्जा कर लिया और और फिर
उन्होंने अपने प्रशासक बनाया और शहर को खुद की देख रेख में चलाने लगे | उनकी खुद की एक काउंसिल थी जिसे “ सीनेट” के नाम से जाना जाता था
यह यूरोप
उत्तरी अफीका तथा पश्चिमी एशिया तक फैला साम्राज्य था ।इनके सबसे महत्वपूर्ण शासकों
में से एक ऑगस्टस ने करीब 2000 साल पहले शासन किया।
ऑगस्टन ने
कहा था कि रोम ईटों का शहर था, जिसे मैंने संगरमर का बनवाया
ऑगस्टन ने
बड़े बड़े मंदिर, महल तथा रंग महल भी
बनवाए, जिसके
चारों ओर दर्शकों का बैठने की सीढ़ीनुमा जगहे होती थी।
तमिल में
बड़े भूस्वामी को वेल्लला कहते थे।
ग्राम
भोजको की जमीन पर प्रायः: दास व मजदूर द्वारा खेती की जाती थी।
तमिल में
हलवाले को उणवार कहते थे।
अधिकांश
गृहपति स्वतंत्र कृषक भूस्वामी होते थे।
वलयकूप का
उपयोग जल निकास के लिए किया जाता था।
श्रेणी
शिल्पकारों को कहा जाता था।
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